अधूरी चिट्ठी: वो 12 सितंबर की शाम और एक टूटा हुआ वादा
एक सच्ची सी लगने वाली प्रेम कहानी - जिसे पढ़कर आपका दिल भी दहल जाएगा
वो बारिश भरी शाम और पहली मुलाकात
मुंबई की उस बारिश में भीगते हुए जब मैंने पहली बार तन्वी को देखा था, वो सेंट्रल लाइब्रेरी की सीढ़ियों पर खड़ी अपनी नीली छतरी सम्हाल रही थी। उसकी सफेद सलवार पर पड़ी पानी की बूंदों के निशान मुझे आज भी याद हैं... जैसे किसी ने कैनवास पर नीले रंग की बारिश बना दी हो।
मैंने अपनी छतरी उसकी तरफ बढ़ाई तो उसने जो मुस्कुराहट दी, वो मेरे दिल में उसी पल कहीं बस गई। शायद यही होता है "पहली नजर का प्यार"।
तीन साल की वो मोहब्बत जो हर पल याद आती है
हमारी मुलाकात के बाद के तीन साल... वो कॉफी शॉप जहां हम रोज मिलते थे, मरीन ड्राइव पर वो संध्या की सैर, और उसकी डायरी में लिखे वो किस्से जो सिर्फ मैं ही पढ़ पाता था। तन्वी ने मुझसे वादा किया था कि हम हमेशा साथ रहेंगे, चाहे दुनिया कितनी भी बदल जाए।
"तुम मेरी जिंदगी के सबसे खूबसूरत अध्याय हो... मैं कभी तुम्हें खोना नहीं चाहूंगी।"
- तन्वी की डायरी से, 12 जून 2019
वो काला दिन जब सब कुछ बदल गया
12 सितंबर 2022 की वो शाम... मैं उसके जन्मदिन पर सरप्राइज देने उसके ऑफिस पहुंचा था। पर जो देखा, उसने मेरी सांसें थाम दीं। तन्वी किसी और के साथ हाथ पकड़े मुस्कुरा रही थी... वो मुस्कान जो कभी सिर्फ मेरे लिए थी।
उस रात वो जो चिट्ठी मुझे मिली, उसके पहले ही वाक्य ने मेरी दुनिया तबाह कर दी:
"माफ करना प्रियम... पर प्यार वादों से नहीं, दिल से होता है। और मेरा दिल अब..."
आज भी वो अधूरी चिट्ठी मेरी डायरी में दबी है
दो साल बीत गए... पर मैंने उस चिट्ठी को कभी पूरा नहीं पढ़ा। शायद इसलिए कि मैं जानता हूँ कि उसके आखिरी शब्द क्या होंगे। आज भी जब मैं मुंबई की उस कॉफी शॉप से गुजरता हूँ, तो लगता है कोई मेरे दिल पर हथौड़े मार रहा हो।
शायद सच्चा प्यार वही होता है जो अधूरा रह जाता है... क्योंकि पूरा होने के बाद वो सिर्फ एक याद बनकर रह जाता है।